लिफ्ट में शीशा क्यों लगाया जाता है?

हम सभी ने कभी न कभी लिफ्ट का उपयोग किया है। चाहे ऑफिस जाना हो, शॉपिंग मॉल घूमना हो या किसी ऊँची बिल्डिंग में रहना हो – लिफ्ट आज हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लिफ्ट में शीशा क्यों लगाया जाता है? ज़्यादातर लोग समझते हैं कि ये सिर्फ अपना चेहरा देखने या कपड़े ठीक करने के लिए होता है। असलियत इससे कहीं ज़्यादा दिलचस्प और ज़रूरी है। आइए विस्तार से जानते हैं।
1. क्लॉस्ट्रोफोबिया (घुटन का डर) कम करने के लिए
लिफ्ट एक बंद और छोटी सी जगह होती है। कई लोगों को इसमें घुटन या डर महसूस होता है, जिसे क्लॉस्ट्रोफोबिया कहा जाता है।
लिफ्ट में शीशा लगाने से अंदर की जगह बड़ी और खुली हुई लगती है। यह एक मानसिक भ्रम (psychological illusion) है, जो घबराहट को कम करता है और व्यक्ति को आरामदायक महसूस कराता है।
2. सुरक्षा और सतर्कता के लिए
लिफ्ट में शीशा लगाने का एक बड़ा कारण सुरक्षा भी है। जब लिफ्ट में शीशा होता है तो हम अपने पीछे खड़े व्यक्ति को भी देख सकते हैं। यह खासकर पब्लिक लिफ्ट्स जैसे मॉल, ऑफिस या होटल में बेहद उपयोगी होता है। इससे व्यक्ति सतर्क रहता है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत ध्यान दे सकता है।
3. समय को जल्दी गुजरने का अहसास
लिफ्ट की यात्रा सामान्यत: कुछ ही सेकंड की होती है, लेकिन छोटी जगह में बंद रहने की वजह से लोगों को समय लंबा लगने लगता है।
यहाँ पर शीशा एक मनोरंजन और ध्यान भटकाने वाले साधन की तरह काम करता है। लोग अपने कपड़े देखते हैं, चेहरा ठीक करते हैं और समय का अहसास कम हो जाता है। इस कारण उन्हें लगता है कि लिफ्ट तेज़ चल रही है।
4. दिव्यांग लोगों के लिए मददगार
लिफ्ट में शीशा दिव्यांग लोगों, खासकर व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं के लिए बेहद मददगार होता है। यदि उन्हें लिफ्ट से बाहर निकलते समय पीछे की ओर जाना हो, तो शीशे की वजह से पीछे का नज़ारा साफ दिखाई देता है। इससे दुर्घटना की संभावना कम हो जाती है और उनका सफर आसान बन जाता है।
5. रोशनी और डिज़ाइन को सुंदर बनाना
शीशा लिफ्ट के अंदरूनी डिज़ाइन को आकर्षक और आधुनिक बनाता है। यह रोशनी को परावर्तित (reflect) करता है, जिससे लिफ्ट उजली और बड़ी नज़र आती है। यही कारण है कि होटल्स, शॉपिंग मॉल्स और कॉर्पोरेट ऑफिस में डिज़ाइनर मिरर लगाए जाते हैं।
6. एक रोचक किस्सा
पहले जब लिफ्ट नई-नई बनी थीं, तो लोगों की सबसे बड़ी शिकायत होती थी कि लिफ्ट बहुत धीमी है।
इंजीनियरों ने लिफ्ट की गति बढ़ाने के बजाय उसमें शीशा लगाने का सुझाव दिया। परिणाम चौंकाने वाला था – लोग लिफ्ट की स्पीड पर शिकायत करना बंद कर दिए। क्योंकि अब वे अपना चेहरा और रूप-रंग देखने में व्यस्त हो जाते थे और उन्हें लगता था कि लिफ्ट पहले से तेज़ चल रही है।
7. मनोविज्ञान, सुरक्षा और डिज़ाइन का मेल
अगर हम कारणों को मिलाएँ तो साफ होता है कि लिफ्ट में शीशा लगाना सिर्फ एक साधारण सजावट नहीं है। इसके पीछे कई फायदे हैं:
- क्लॉस्ट्रोफोबिया और घबराहट को कम करना
- सुरक्षा और सतर्कता बढ़ाना
- समय को तेज़ी से गुजरने का एहसास देना
- दिव्यांग लोगों के लिए सुविधा उपलब्ध कराना
- रोशनी और इंटीरियर डिज़ाइन को बेहतर बनाना
निष्कर्ष
अगली बार जब आप लिफ्ट में खड़े होकर शीशे में खुद को देखें, तो याद रखिए कि यह केवल मेकअप या कपड़े देखने के लिए नहीं लगाया गया है। लिफ्ट में शीशा क्यों लगाया जाता है इसका जवाब है – आपकी सुरक्षा, सुविधा, मानसिक शांति और सुंदर अनुभव के लिए।
लिफ्ट का सफर भले ही छोटा होता है, लेकिन उसमें लगा एक छोटा सा शीशा आपकी यात्रा को सुरक्षित, आरामदायक और आनंददायक बना देता है।


Post Comment