बाल साहित्य पुरस्कार 2025: 24 विजेताओं की पूरी सूची और बच्चों के साहित्य में उनका योगदान

- परिचय: बाल साहित्य का महत्त्व
Bal Sahitya Puraskar (बाल साहित्य पुरस्कार) भारत की राष्ट्रीय साहित्य अकादमी — Sahitya Akademi — द्वारा दिया जाने वाला एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है, जो बच्चों की साहित्यिक रचनाओं में उत्कृष्टता को मान्यता देता है। इस पुरस्कार का उद्देश्य सिर्फ लेखकों का सम्मान करना ही नहीं, बल्कि बच्चों में साहित्य प्रेम बढ़ाना और विभिन्न भारतीय भाषाओं में समृद्ध बाल साहित्य को प्रोत्साहित करना है।
2. पुरस्कार की घोषणा और राशि
- घोषणा: Sahitya Akademi ने जून 2025 में अपनी कार्यकारी बोर्ड की बैठक में 24 लेखकों को Bal Sahitya Puraskar 2025 के लिए चुना।
- इनाम: प्रत्येक विजेता को ₹50,000 नकद और एक ताम्र पट्टिका (engraved copper plaque) दी जाएगी।
- समारोह: पुरस्कार वितरण नयी दिल्ली, त्रिवेणी सभागार में होगा।
3. विजेताओं की झलक — 24 भाषाओं में विविधता
यह वर्ष खास इसलिए है क्योंकि पुरस्कार विजेताओं की सूची भारत की भाषाई विविधता को पूरी तरह दर्शाती है — 24 भाषाओं में। लेखन शैलियाँ भी बहुत विविध हैं — कविताएँ, नॉवेल, कहानियाँ, नाटक, लेख आदि।
कुछ प्रमुख विजेताओं में शामिल हैं:
| भाषा | रचना (Style) | लेखक |
| Assamese | Mahinaahantar Padya (कविता) | Surendra Mohan Das |
| Bengali | Ekhono Gaye Kanta Daye (कहानियाँ) | Tridib Kumar Chattopadhyay |
| Bodo | Khanthi Bwswn Arw Akhu Danai (कहानियाँ) | Binay Kumar Brahma |
| Dogri | Nanhi Tor (कविता) | P. L. Parihar “Shauq” |
| English | Dakshin: South Indian Myths and Fables Retold (कहानियाँ) | Nitin Kushalappa MP |
| Gujarati | Tinchak (कविता) | Kirtida Brahmbhatt |
| Hindi | Ek Batey Barah (गद्य / मेमॉयर) | Sushil Shukla |
| Kannada | Notebook (लघु कथाएँ) | K. Shivalingappa Handihal |
| Kashmiri | Shure Te Tchure Gyush (कहानियाँ) | Izhar Mubashir |
| Konkani | Belabaicho Shanker Ani Heir Kanyo (कहानियाँ) | Nayana Adarkar |
| Maithili | Chukka (लघु कथाएँ) | Munni Kamat |
| Malayalam | Penguinukalude Vankaravil (नॉवेल) | Sreejith Moothedath |
| Manipuri | Angangshing-Gee Shannabungshida (नाटक) | Shanto M. |
| Marathi | Abhalmaya (कविता) | Suresh Govindrao Sawant |
| Nepali | Shanti Van (नॉवेल) | Sangmu Lepcha |
| Odia | Kete Phula Phutichhi (कविता) | Rajakishore Parhi |
| Punjabi | Novel/Literature | Pali Khadim (Amrit Pal Singh) |
| Rajasthani | Play / Drama | Bhogilal Patidar |
| Sanskrit | Poetry | Preeti Pujara |
| Santali | Poetry | Haralal Murmu |
| Sindhi | Poetry | Heena Agnani “Heer” |
| Tamil | Novel | Vishnupuram Sarvanan |
| Telugu | Story | Gangisetti Sivakumar |
| Urdu | Articles | Ghazanfar Iqbal |
नोट: यह सूची पूरी तरह नहीं हो सकती है; ये कुछ प्रतिनिधि नाम और विधाएँ हैं। कुल विजेता 24 हैं।

4. विश्लेषण: क्यों यह घोषणा मायने रखती है
- बहुभाषीय विविधता
– 24 भाषाओं में पुरस्कार देना दर्शाता है कि Sahitya Akademi बच्चों की साहित्यिक आवाज़ों को पूरे भारत में महत्व देती है। - रचनात्मक विविधता
– कविताओं, कहानियों, नॉवेल, नाटकों, लेखों जैसी कई विधाओं का प्रतिनिधित्व — यह दिखाता है कि बच्चों की साहित्यिक रुचियाँ भी बहुत विस्तृत हैं। - प्रोत्साहन और मान्यता
– ₹50,000 की राशि और प्रतिप्लक विजेताओं को न सिर्फ सम्मान देती है, बल्कि उन्हें और बेहतर रचनाएँ करने के लिए प्रेरित करती है।
– ऐसे पुरस्कार बच्चों के साहित्य को और लोकप्रिय बनाते हैं, जिससे युवा पाठकों की संख्या बढ़ सकती है। - सांस्कृतिक और शैक्षणिक महत्व
– ये लेखन सिर्फ मनोरंजन ही नहीं है — यह भाषा, संस्कृति और मूल्य-संवाद को अगले पीढ़ी तक ले जाने का एक माध्यम है।
– शिक्षकों, अभिभावकों और स्कूलों के लिए भी ये पुरस्कार एक संकेत हैं कि गुणवत्तापूर्ण बाल साहित्य कितना ज़रूरी है।
5. लेखक दृष्टिकोण: बच्चों की दुनिया में विश्वास
लेखकों को यह सम्मान इसलिए भी खास है क्योंकि बच्चों के लिए लिखना सिर्फ कहानी सुनाने जैसा नहीं होता — यह उनकी कल्पना, सपने, भय, सवालों और आशाओं के साथ संवाद करने जैसा काम है। विजेता लेखक यह दिखा रहे हैं कि बच्चों की दुनिया रचनात्मकता, सरलता और गहराई से भरी होती है।
6. भविष्य की राह: आगे क्या उम्मीद करें
- प्रोमोशन और तरक्की: इन विजेताओं की किताबों का अधिक प्रकाशन और प्रकाशन-वितरण हो, जिससे अधिक बच्चों तक उनकी रचनाएँ पहुँचें।
- शिक्षाशास्त्र में एकीकरण: स्कूलों, लाइब्रेरीज़ और शिक्षण संस्थानों में इन रचनाओं को पाठ्यक्रम या वाचन सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
- नई लेखकों को प्रेरणा: यह पुरस्कार युवा लेखकों और नए प्रतिभावान लोगों को भी यह संदेश देता है कि बाल साहित्य में एक सम्मानजनक और सार्थक करियर हो सकता है।
निष्कर्ष
Bal Sahitya Puraskar 2025 न केवल Sahitya Akademi की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो वह भारतीय भाषाओं और बच्चों के लिए लेखन के लिए रखती है, बल्कि यह उन लेखकों को भी मान्यता देता है जो बच्चों की कल्पनाओं में भरोसा करते हैं और उन्हें साहित्य के ज़रिए उड़ान भरने का अवसर देते हैं। जितनी विविधता इन पुरस्कृत रचनाओं में है, उतनी ही गहराई और आशा भी — कि भारतीय बाल साहित्य का भविष्य बहुत उज्जवल है।
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