सिंगर पलक मुच्छल का नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज — 3800 से ज़्यादा बच्चों की दिल की सर्जरी में मदद

परिचय: एक ऐसी आवाज़ जिसने दिलों को जिंदा रखा
जहाँ बॉलीवुड में ज़्यादातर सितारे शोहरत और ग्लैमर के लिए जाने जाते हैं, वहीं पलक मुच्छल का नाम इंसानियत की मिसाल बन गया है।
“चाहूं मैं या ना” (आशिकी 2), “कौन तुझे” (एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी), “** प्रेम रतन धन पायो**” जैसी सुपरहिट गीतों से मशहूर पलक मुच्छल आज अपने सुरों से सिर्फ कान नहीं, लाखों दिलों को भी धड़कन दे रही हैं।
नवंबर 2025 में पलक मुच्छल को गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया — वजह थी कि उन्होंने अपने फाउंडेशन के ज़रिए अब तक 3800 से अधिक ग़रीब बच्चों की दिल की सर्जरी के लिए धन मुहैया कराया। यह उपलब्धि सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि इंसानियत का उत्सव है।
❤️ बचपन से शुरू हुई सेवा की यात्रा
पलक का जन्म इंदौर (मध्य प्रदेश) में हुआ। छोटी उम्र से ही उन्होंने संगीत सीखना शुरू किया और सात साल की उम्र में मंच पर गाना शुरू कर दिया था।
लेकिन एक घटना ने उनकी सोच हमेशा के लिए बदल दी — जब उन्होंने ट्रेन में एक छोटे बच्चे को अपने कपड़ों से बोगी साफ़ करते देखा। वही पल था जब पलक ने तय किया कि वे अपनी आवाज़ का इस्तेमाल सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि मदद के लिए करेंगी।
सात साल की उम्र से उन्होंने “सेव लिटिल हार्ट्स” अभियान के तहत चैरिटी कॉन्सर्ट करने शुरू किए। हर कार्यक्रम से जो धन इकट्ठा हुआ, उससे गरीब बच्चों की हार्ट सर्जरी कराई गई। धीरे-धीरे यह एक लड़की का सपना नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय आंदोलन बन गया।
💰 करुणा से जन्मा विश्व-रिकॉर्ड
30 साल की उम्र तक पलक ने जो किया, वह अद्भुत है — उन्होंने 3800 से अधिक बच्चों की ज़िंदगी बचाई।
गिनीज़ बुक ने इस मानवीय कार्य को 2025 में आधिकारिक रूप से मान्यता दी।
“हर कॉन्सर्ट जो मैं करती हूँ, वह किसी बच्चे की दिल की सर्जरी के लिए होता है। यही मेरे संगीत का सबसे बड़ा मकसद है।”
— पलक मुच्छल, इंडिया टुडे इंटरव्यू
लंदन, दुबई, न्यू यॉर्क से लेकर सिंगापुर तक उनके शो अब सिर्फ संगीत के लिए नहीं, बल्कि धड़कनों के लिए होने वाले कॉन्सर्ट हैं।
एक सर्जरी का खर्च ₹80 हज़ार से ₹3 लाख तक होता है, और पलक का फाउंडेशन इसका बड़ा हिस्सा वहन करता है।

🏥 पलक मुच्छल हार्ट फाउंडेशन: उम्मीद की नई धुन
पलक मुच्छल हार्ट फाउंडेशन, इंदौर में स्थापित, अब देशभर में “लाइफ़-सेविंग नेटवर्क” बन चुका है।
- कार्डियोलॉजिस्ट्स का नेटवर्क: देश के नामी डॉक्टर फ्री या डिस्काउंटेड ऑपरेशन करते हैं।
- वेरिफिकेशन सिस्टम: हर केस की जांच मेडिकल और आर्थिक स्तर पर की जाती है।
- पारदर्शिता: डोनर्स को हर सर्जरी की जानकारी और रिपोर्ट दी जाती है।
इस फाउंडेशन का मिशन है —
“कोई भी बच्चा सिर्फ इसलिए न मरे कि उसके माता-पिता के पास पैसे नहीं हैं।”
🎶 जब गाने ज़िंदगी बचाने लगें
पलक की आवाज़ ने बॉलीवुड को कई हिट्स दिए:
- चाहूं मैं या ना – आशिकी 2
- कौन तुझे – एम.एस. धोनी
- प्रेम रतन धन पायो – टाइटल ट्रैक
- तेरी मित्ती (फीमेल वर्ज़न) – केसरी
लेकिन खुद पलक कहती हैं कि उनके सबसे बड़े हिट गाने वे बच्चे हैं, जिनकी दिल की धड़कनें उनकी वजह से फिर से चलने लगीं।
“हर बार जब अस्पताल से कॉल आता है कि बच्चा ठीक है, वही मेरी सबसे बड़ी ट्रॉफी होती है।” — पलक मुच्छल
🌍 वैश्विक पहचान और प्रेरणा
2025 में गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने उन्हें दर्ज किया — “सबसे अधिक बच्चों की हार्ट सर्जरी का वित्तपोषण करने वाली सिंगर” के रूप में।
अब उनका नाम उन इंसानियत के प्रतीकों में शामिल है जो पेशे से आगे बढ़कर समाज के लिए काम करते हैं।
💬 क्यों ज़रूरी है यह कहानी जानना
- इंसानियत में भरोसा लौटाती है:
जहाँ सोशल मीडिया पर विवाद हावी हैं, पलक की कहानी दिलों को सुकून देती है। - सेलिब्रिटी की परिभाषा बदलती है:
उन्होंने दिखाया कि नाम और शोहरत को समाज के भले के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। - प्रेरणा देती है:
बदलाव लाने के लिए अमीर या मशहूर होना ज़रूरी नहीं, बस इरादा होना चाहिए। - पीढ़ियों पर असर:
जिन 3800 बच्चों की जान बची, वे अब अपने परिवारों, समाज और देश के लिए योगदान देंगे — यही असली विरासत है।
📈 दया का फैलता प्रभाव
पलक की यात्रा ने कई लोगों को प्रेरित किया है —
कई दानदाता अब छोटे-छोटे योगदान कर रहे हैं, कुछ अस्पतालों में वॉलंटियर बन रहे हैं।
बॉलीवुड के अन्य कलाकार जैसे श्रेया घोषाल, सोनू निगम, अरिजीत सिंह ने भी उनकी तारीफ़ की और उनके मिशन से जुड़ने की इच्छा जताई।
कॉर्पोरेट कंपनियाँ भी अब उनके फाउंडेशन को सपोर्ट कर रही हैं, जिससे यह पहल राष्ट्रीय स्तर का अभियान बन गई है।

🕊️ मुश्किलें भी आईं, पर हिम्मत नहीं टूटी
शुरुआत में अस्पतालों को मनाना, फंड इकट्ठा करना और केस वेरिफिकेशन करना बहुत कठिन था।
कई बार पलक को बीमार होने पर भी घंटों गाना पड़ा ताकि किसी बच्चे की सर्जरी रुक न जाए।
पर उनके परिवार — माता-पिता और भाई पलाश मुच्छल — हमेशा उनके साथ रहे। उन्होंने इस मिशन को संगठित रूप दिया।
🩵 आगे की राह
अब जब पलक मुच्छल को गिनीज़ रिकॉर्ड से वैश्विक मान्यता मिल चुकी है, उनका अगला लक्ष्य है:
- गरीब बच्चों के लिए हार्ट हॉस्पिटल बनाना।
- अंतरराष्ट्रीय NGO के साथ मिलकर ग्रामीण भारत में उपचार पहुँचाना।
- कॉन्सर्ट और सोशल मीडिया के माध्यम से दिल की बीमारियों पर जागरूकता बढ़ाना।
उनका संदेश सरल है —
“मैं दुनिया का सारा दर्द नहीं मिटा सकती, पर एक धड़कन ज़रूर बचा सकती हूँ।”
🌸 निष्कर्ष: एक आवाज़ जो इंसानियत की धड़कन बन गई
पलक मुच्छल की कहानी सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि इंसानियत की मिसाल है।
एक छोटे शहर की बच्ची, जिसने अपने गानों से ज़िंदगियाँ बचाईं — यह दर्शाता है कि सच्ची महानता तालियों से नहीं, बल्कि दूसरों के आँसू पोंछने से मिलती है।
आज जब उनकी आवाज़ रेडियो या फिल्मों में सुनाई देती है, तो हमें याद रखना चाहिए — कहीं न कहीं, उसी आवाज़ की वजह से कोई बच्चा ज़िंदा है, किसी माँ की आँखों में चमक लौटी है।


Post Comment