आईब्रो टैटू और माइक्रोब्लेडिंग से लिवर फेल का खतरा? डॉक्टरों की सख्त चेतावनी और सुरक्षित उपाय

आजकल फैशन और ब्यूटी की दुनिया में आईब्रो टैटू और माइक्रोब्लेडिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है। कई महिलाएँ और पुरुष अपनी आईब्रो को घना, आकर्षक और परफेक्ट आकार देने के लिए इस तकनीक का सहारा ले रहे हैं। लेकिन हाल ही में डॉक्टरों और स्किन एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि गलत तरीके से या असुरक्षित वातावरण में किया गया यह कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है, यहाँ तक कि लिवर फेल्योर तक का खतरा भी बढ़ जाता है।
इस लेख में हम समझेंगे – आखिर ये खतरा क्यों है, किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, कुछ वास्तविक उदाहरण, सुरक्षित उपाय, और इसके वैकल्पिक विकल्प क्या हो सकते हैं।
आईब्रो टैटू और माइक्रोब्लेडिंग क्या है?
आईब्रो टैटू: इसमें पिगमेंट को त्वचा के नीचे डाला जाता है ताकि आईब्रो घनी और डार्क दिखे। यह स्थायी या अर्ध-स्थायी हो सकता है।
माइक्रोब्लेडिंग: इसमें बारीक ब्लेड जैसी तकनीक से पिगमेंट को हल्की-हल्की स्ट्रोक्स में डाला जाता है ताकि आईब्रो प्राकृतिक लगे।
यह प्रक्रिया कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट है लेकिन इसमें त्वचा की ऊपरी सतह को काटा या छेदा जाता है। यहीं से संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा शुरू होता है।
डॉक्टर क्यों चेतावनी दे रहे हैं?
असुरक्षित स्याही (Ink): कई बार टैटू या माइक्रोब्लेडिंग में इस्तेमाल की जाने वाली स्याही नकली या कम गुणवत्ता वाली होती है। इसमें हानिकारक केमिकल्स और हैवी मेटल्स पाए जाते हैं, जो लिवर पर सीधा असर डालते हैं।
संक्रमण का खतरा: यदि सुई या उपकरण स्टेरलाइज्ड न हों तो हेपेटाइटिस B, हेपेटाइटिस C, और HIV जैसी गंभीर बीमारियाँ फैल सकती हैं। ये सभी बीमारियाँ अंततः लिवर फेल्योर तक ले जा सकती हैं।
एलर्जिक रिएक्शन: कई लोगों को पिगमेंट से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर सूजन, खुजली, फोड़े-फुंसी और कभी-कभी गंभीर इन्फेक्शन हो जाता है।
वास्तविक उदाहरण
दिल्ली की 32 वर्षीय महिला ने स्थानीय पार्लर से माइक्रोब्लेडिंग करवाई। कुछ हफ्तों बाद उन्हें आँखों के पास सूजन और पीलिया (Jaundice) की समस्या हुई। जाँच में सामने आया कि उन्हें हेपेटाइटिस B हुआ है।
मुंबई का एक केस: एक युवा महिला ने ऑनलाइन सस्ता ऑफर देखकर टैटू बनवाया। कुछ महीनों बाद उनके ब्लड टेस्ट में लिवर एंजाइम्स बढ़े हुए पाए गए, कारण था इस्तेमाल हुई स्याही में मौजूद जहरीले केमिकल्स।
ये उदाहरण दिखाते हैं कि ब्यूटी के चक्कर में स्वास्थ्य से खिलवाड़ कितना खतरनाक साबित हो सकता है।
किन्हें विशेष सावधानी रखनी चाहिए?
जिन्हें लिवर की पुरानी बीमारी है (जैसे फैटी लिवर, हेपेटाइटिस या सिरोसिस)।
जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ।
जिन्हें त्वचा संबंधी एलर्जी या संक्रमण जल्दी हो जाता है।
सुरक्षित उपाय (Doctor-Approved Precautions)
केवल प्रमाणित क्लिनिक चुनें – सस्ते ऑफर या लोकल पार्लर से बचें।
स्टेरलाइज्ड उपकरण का उपयोग हो रहा है या नहीं, इसे जरूर देखें।
FDA-approved स्याही का इस्तेमाल होना चाहिए।
पैच टेस्ट करवाएँ ताकि आपको पिगमेंट से एलर्जी है या नहीं, यह पता चल सके।
प्रक्रिया के बाद की देखभाल (Aftercare) – डॉक्टर या
वैकल्पिक विकल्प (Alternate Options)
अगर आप लुक्स को लेकर सजग हैं लेकिन हेल्थ रिस्क नहीं लेना चाहते, तो इन विकल्पों को चुन सकते हैं:
आईब्रो पेंसिल और पाउडर – रोजाना इस्तेमाल के लिए आसान और सुरक्षित तरीका।
टिंटेड आईब्रो जेल – इससे आईब्रो मोटी और शाइनी दिखती है।
कैस्टर ऑयल मसाज – प्राकृतिक रूप से आईब्रो घनी करने में मदद करता है।
आयुर्वेदिक और हर्बल सीरम – बिना साइड इफेक्ट्स के लंबे समय तक फायदा दे सकते हैं।
हिदायतें (Do’s and Don’ts) हमेशा विशेषज्ञ और प्रमाणित प्रोफेशनल से ही प्रक्रिया करवाएँ।
अपने मेडिकल इतिहास (लिवर या त्वचा संबंधी बीमारी) की जानकारी पहले दें।
संक्रमण से बचने के लिए उचित आफ्टरकेयर करें।
कभी भी अनट्रेंड या बिना सर्टिफिकेट वाले व्यक्ति से टैटू/माइक्रोब्लेडिंग न करवाएँ।
सस्ती डील या ऑफर देखकर आकर्षित न हों।
हेल्थ समस्या (पीलिया, थकान, खुजली, बुखार) नजर आते ही अनदेखा न करें।
निष्कर्ष
आईब्रो टैटू और माइक्रोब्लेडिंग भले ही आपकी खूबसूरती को निखारने का तरीका लगें, लेकिन अगर यह असुरक्षित तरीके से किया जाए तो यह खूबसूरती से ज्यादा बीमारी का कारण बन सकता है। डॉक्टर साफ चेतावनी दे रहे हैं कि इसका सीधा असर लिवर तक जा सकता है। ऐसे में समझदारी यही है कि हमेशा सुरक्षित विकल्प अपनाएँ और स्वास्थ्य से समझौता न करें।
Disclaimer
यह लेख केवल जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह का विकल्प नहीं है। यदि आपने पहले से टैटू या माइक्रोब्लेडिंग करवाई है और स्वास्थ्य संबंधी समस्या महसूस हो रही है, तो तुरंत किसी योग्य डॉक्टर या विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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